जाति व्यवस्था पर आरएसएस का बड़ा बयान आया सामने,भारत को जोड़ने का काम करता है जाति व्यवस्था..
देश में जाति के मुद्दे पर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. हर गुजरते दिन के साथ नेताओं की बयानबाजी तेज होती जा रही है. अब इस कड़ी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी पत्रिका पांचजन्य के संपादकीय में जाति के मुद्दे को उठाया गया है. पांचजन्य के संपादकीय में जाति व्यवस्था को भारत को जोड़ने वाला अहम कारक बताया है. इस लेख में जाति व्यवस्था को उचित भी ठहराया गया है।साप्ताहिक के संपादक हितेश शंकर ने लिखा, ‘जाति व्यवस्था को मुगल नहीं समझ पाए और अंग्रेज इसे भारत पर आक्रमण में बाधा के रूप में देखते थे।
जाति व्यवस्था एक जंजीर थी जो भारत के विभिन्न समुदायों को उनके पेशे और परंपरा के मुताबिक वर्गीकृत करके एक साथ रखने का काम करती थी. दावा किया गया कि जाति व्यवस्था को पूंजीपतियों ने देश के रक्षक के रूप में देखा था।जाति व्यवस्था को सही ठहराया जाना जरूरी है. ये मुद्दा एक ऐसे समय आया है जब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ये समझाने में कठिनाई महसूस कर रहा है कि वो दलित समुदाय को दिए जाने वाले आरक्षण के खिलाफ में नहीं है.’ सोशल मीडिया पर इस संपादकीय को लेकर यूजर्स काफी कमेंट भी कर रहे हैं।