नीतीश कैबिनेट में 10 एजेंडों पर लगी मुहर,शिक्षकों के वेतन संरक्षण को मिली स्वीकृति

 नीतीश कैबिनेट में 10 एजेंडों पर लगी मुहर,शिक्षकों के वेतन संरक्षण को मिली स्वीकृति
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मंलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुलाई गई इस कैबिनेट की बैठक में कुल 10 एजेंडे पर मुहर लगा दी गई है। इस कैबिनेट में शिक्षकों के लिए बड़ा फैसला किया गया है। बैठक में शिक्षकों के सेवा निरंतरता का लाभ और वेतन संरक्षण के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई है। इसका लाभ पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्थानों द्वारा बहाल नियोजित शिक्षकों व भी मिलेगा। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में चौथे कृषि रोड 30 करोड़ 65 लाख की राशि को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति दी गई है। चतुर्थ कृषि रोडमैप के अंतर्गत परंपरागत खेती के विकास योजना कार्यान्वयन के लिए 2023-24 में केंद्र से 18 करोड़ 9 लाख और राज्य से 12 करोड़ 6 लाख के आवंटन को स्वीकृति प्रदान की गई है। derailment nitish kumar condoles deaths announces rs 2 lakh eachवही दूसरी तरफ बता दें कि इधर पटना हाई कोर्ट ने जाति जनगणना पर लगी रोक को हटा दिया है. जनगणना के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है. वही दुसरी तरफ बता दें कि पटना हाईकोर्ट जातीय गणना पर अपना फैसला मंगलवार को सुना दीया है। हालांकि आपको बताते चलें कि सात जुलाई को हाईकोर्ट ने जाति आधारित गणना पर पांच दिन सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की थी।मामले पर सुनवाई के दौरान आवेदकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह सहित अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव, दीनू कुमार, रितिका रानी, रितु राज और धनंजय तिवारी ने अपना पक्ष रखा। वहीं आपको बताते चलें कि राज्य सरकार की से महाधिवक्ता पीके शाही, अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमा मनीष कुमार, आलोक राही ने दायर अर्जी का जमकर विरोध किया। जहां आवेदक जाति आधारित गणना पर सवाल उठाते हुए संविधान विरोधी बताया। उनका कहना था कि राज्य सरकार को जाति आधारित गणना कराने का अधिकार नहीं है। दरअसल आपको जानकारी देते चले कि सरकार अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा गणना करा रही हैं। वहीं अर्जी का विरोध करते हुए महाधिवक्ता का कहना था कि राज्य सरकार अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर जाति आधारित सर्वे करा रही हैं। इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।1674812218 1629563568 22nitish 3c 1 मगर कुछ लोग इस का विरोध कर रहे हैं, जबकि बहुत से लोग स्वेच्छा से जानकारी दे रहे हैं। हालांकि बता दें कि राज्य की आधी से अधिक आबादी द्वारा सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के व्यक्तिगत सूचनाएं दी जाती है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 4 मई को जाति आधारित सर्वे पर अंतरिम आदेश जारी कर रोक लगा दी थी। साथ ही डाटा को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था। इसके बाद आगे की सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख तय की थी, जो सात जुलाई तक चली थी।

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