देश भर में नए कानून लागू होने पर बोलीं SC की वरिष्ठ वकील गीता लूथरा,30 दिन के अंदर आना चाहिए फैसला

 देश भर में नए कानून लागू होने पर बोलीं SC की वरिष्ठ वकील गीता लूथरा,30 दिन के अंदर आना चाहिए फैसला
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देश भर में 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो चुका है। 51 साल पुराने सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) ले चुकी है। भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय अधिनियम (BNS) लेगा और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के प्रावधान लागू हो गए हैं। वहीं, महिलाओं से जुड़े ज्यादातर अपराधों में पहले से ज्यादा सजा मिलेगी। इलेक्ट्रॉनिक सूचना से भी FIR दर्ज हो सकेगी। कम्युनिटी सेवा जैसे प्रावधान भी लागू होंगे।”30 दिन के अंदर फैसला आना चाहिए।तीन नए आपराधिक कानूनों पर भारत के सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील गीता लूथरा कहती हैं, “मुझे ऐसा लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का सारांश इन नए कानूनों में डाल दिया गया है। ऐसी आलोचना हुई थी कि हमारे सिस्टम में देरी हो रही है, इसलिए इसे सुलझाने के लिए एक उपाय की जरूरत थी। उन्होंने कहा है कि अब 30 दिन के अंदर फैसला आना चाहिए।एक जुलाई से पहले दर्ज हुए मामलों में नए कानून का असर नहीं होगा। 1 जुलाई से नए कानून के तहत FIR दर्ज हो रही है और इसी के अनुसार जांच से लेकर ट्रायल पूरा होगा। BNSS में कुल 531 धाराएं हैं। इसके 177 प्रावधानों में संशोधन किया गया है, जबकि 14 धाराओं को हटा दिया गया है। 9 नई धाराएं और 39 उप-धाराएं जोड़ी गई हैं। भारतीय न्याय संहिता में कुल 357 धाराएं हैं। अब तक आईपीसी में 511 धाराएं थीं। इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं हैं। नए कानून में 6 धाराओं को हटाया गया है। 2 नई धाराएं और 6 उप-धाराएं जोड़ी गई हैं। पहले इंडियन एविडेंस एक्ट में कुल 167 धाराएं थीं।

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