RJD सुप्रीमो लालू से रिश्तों में नरमी,घर वापसी की तैयारी में जाप चीफ पप्पू यादव?

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लोकसभा चुनाव 2024 का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, बिहार की सियासत में लगातार नए घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं। कभी बिहार के बड़े बाहुबली रहे जाप प्रमुख पप्पू यादव पिछले कुछ दिनों से चर्चा का विषय बने हुए हैं। वजह है, उनकी आरजेडी और महागठबंधन के नेताओं से नजदीकियां। दरअसल, पूर्व सांसद पप्पू यादव ने हाल ही में आरजेडी सु लालू प्रसाद यादव से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की लंबे समय बाद दोनों नेताओं के रिश्तों में नरमी देखी गई। साथ पप्पू यादव आजकल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की तारीफों के पुल भी बांध रहे हैं। ऐसे में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या पप्पू यादव घर वापसी की तैयारी कर रहे हैं?rashtriya janata dal rjd chief lalu prasad yadav 1672924912 वही दूसरी तरफ बता दे कि इधर आज बिहार भाजपा राज्य में एकबार फिर से लय बनाने की कोशिश में लग गई है. बंगाल से सटे सीमांचल में आयोजित एक कार्यक्रम में नवनिर्वाचित अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बांग्लादेशियों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी राज्य में सरकार बनाती है तो एक एक कर बांग्लादेशियों को राज्य से बाहर कर दिया जाएगा.बांग्लादेशियों से हो रही अवैध घुसपैठ पर सख्त बयानबाजी करते हुए बीजेपी के बिहार अध्यक्ष ने कहा कि जैसे ही राज्य में बीजेपी की सत्ता स्थापित होगी या तो बांग्लादेश से आए हुए लोग अपने से बिहार से चले जाएंगे या फिर उन्हें गिरफ्तार कर जेल में ठूस दिया जाएगा.वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर पूर्व सीएम से जब पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी मीटिंग के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कि उन्हें इस बैठक का न्योता नहीं मिला है। मांझी ने आगे बताया कि अगर उन्हें 2024 के चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली तो वे क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें बैठक में बुलाया जाता है तो ठीक है और नहीं बुलाया जाता है तो भी ठीक है। उन्होंने एनडीए में जाने की अटकलों को नकारते हुए कहा कि अगर उन्हें एक भी सीट नहीं मिली तो भी वे नीतीश कुमार के साथ हैं। nitish kumar tejashwi yadavवही दूसरी तरफ बता दें कि इधर लोकसभा चुनाव की तैयारी राजनितिक दलों ने शुरु कर दी है। बिहार में तो इसको लेकर बीजेपी विरोधी दलों का सबसे बड़ा महाजुटान होने वाला है. इधर, बीजेपी भी बिहार में एक्टिव प्लस मोड में है. बीजेपी जहां खुलकर हिन्दुत्व का कार्ड खेल रही है तो वहीं महागठबंधन के जातीय कार्ड का जवाब देने के लिए भी तैयार है. वही आपको बता दें कि इसी माह में पीएम मोदी और उसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली होने वाला है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन दो बड़े नेताओं की रैली से बीजेपी को बहुत फायदा होने वाला है।बीजेपी चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को पहले ही पाले में ला चुकी है. अब उसकी नजर मुकेश सहनी और जीतन राम मांझी पर है.दरअसल, जीतन राम मांझी ने महागठबंधन में पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है. मांझी ने मांग नहीं माने जाने पर और भी राजनीतिक विकल्प हैं, ये भी इशारों में बता दिया है. पिछले दिनों जीतन राम मांझी ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की थी. इसके बाद से मांझी के सुर बदल गए हैं. नीतीश का साथ नहीं छोड़ने की कसम खाने वाले मांझी ने कहा कि राजनीतिक वादे तोड़े भी जा सकते हैं.जीतन राम मांझी के ऐलान के बाद महागठबंधन में हल-चल है. हल-चल भले ही न सही, लेकिन इधर बिहार NDA में भी सीट शेयरिंग को लेकर सुगबुगाहट है. बिहार NDA में अभी घोषित रूप से पशुपति पारस गुट की एलजेपी ही है, लेकिन चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा का आना भी तय माना जा रहा है. मुकेश सहनी ने भी बीजेपी के साथ आने के संकेत दिए हैं. मांझी को पाले में लाने की भी तैयारी हो रही है. ये सभी पार्टी अगर साथ आती हैं तो बिहार में बीजेपी का भी कुनबा बड़ा हो जाएगा, तब बीजेपी सीटों की शेयरिंग कैसे करेगी?.कहा जा रहा है कि बीजेपी बिहार में 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. नाम नहीं बताने की शर्त पर बीजेपी के एक नेता ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 40 सीटों के शेयरिंग का गणित भी बताया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी 30 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती. बाकी 10 सीट वह सहयोगियों के साथ शेयर करेगी. इसमें एलजेपी के दोनों गुट को चार सीट, दो सीट मुकेश सहनी और दो सीट उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को दी जा सकती है. जीतन राम मांझी एनडीए के साथ आते हैं तो उनकी पार्टी को भी दो सीट दी जा सकती है. मांझी के साथ नहीं आने की सूरत में वो दो सीट एलजेपी के खाते में जाएगी.

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