सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को बताया दलित विरोधी,कहा-आनंद मोहन को रिहा कर सीएम नीतीश ने दलितों के साथ किया अन्याय
आनंद मोहन की रिहाई के बाद अब नीतीश सरकार का विरोध और बढ़ते चला जा रहा है एक तरफ मारे गए डीएम जी.कृष्णैया की पत्नी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी हैं तो दूसरी तरफ पूर्व सीएम मायावती से लेकर तमाम दलित नेता नीतीश कुमार को दलित विरोधी बताने में जुटे हुए है।भाजपा पार्टी भी नीतीश सरकार के इस फैसले के विरोध में है आज पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा सांसद सुशील मोदी ने आनंद मोहन की हुई रिहाई को लेकर नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाते हुए बड़ी बात कह दिया है।सुशील मोदी ने कहा कि एक दलित डीएम के हत्यारे की रिहाई कर नीतीश कुमार ये सोंच रहे हैं कि राजपूतों का वोट ले लेंगे।
लेकिन उन्हें पता नहीं है कि योगी आदित्यनाथ से बडा नेता कोई नहीं है. वे भी राजपूत समाज से आते हैं. योगी अपराधियों का खात्मा कर रहे हैं और नीतीश अपराधियों के नाम पर वोट बटोरने की कोशिश कर रहे हैं।आगे उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने दलित डीएम के हत्यारे की रिहाई कर दलितों और पिछड़ों ही नहीं बल्कि पूरे समाज के साथ अन्याय किया है. उन्होंने एक जाति का वोट हासिल करने के लिए सारे नियम कानून और नैतिकता की धज्जियां उड़ा दी. लेकिन नीतीश गलतफहमी में ना रहें, बीजेपी में योगी आदित्यनाथ ही नहीं बल्कि राजनाथ सिंह से लेकर आरके सिंह भी हैं. राजपूत समाज किसी अपराधी के साथ नहीं जायेगा।
वह बीजेपी के ही साथ रहेगा।सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आनंद मोहन की रिहाई से पूरे देश में बिहार की बदनामी हुई है. मामला सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट पहुंच गया है. वहां नीतीश कुमार को जवाब देना मुश्किल होगा. नीतीश को अगले चुनाव में अगड़ा औऱ पिछड़ा दोनों को जवाब देना होगा. नीतीश कुमार मंडल और कमंडल की बात कर रहे हैं. बिहार का मंडल और कमंडल दोनों बीजेपी के साथ है,वो दिन गये जब जातियों को आपस में लड़वा कर वोट ले लिया करते थे,अब सारी जातियों का समर्थन बीजेपी के पास हैं।हालांकि इस मामले में बीते दिन हीं सीएम नीतीश मीडिया के सामने आकर सफाई देते हुए जरूर नजर आए थे।