मां लक्ष्मी पर विवादित बयान देकर फंस चुके स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब अब दी सफाई,कहा-मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था

 मां लक्ष्मी पर विवादित बयान देकर फंस चुके स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब अब दी सफाई,कहा-मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था
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समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। सपा नेता श्रीरामचरित मानस और बद्रीनाथ के बाद अब देवी लक्ष्मी पर तंज करके विवाद से घिर गए हैं। सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान का चौतरफा विरोध हो रहा है। अब उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था, बल्कि वैज्ञानिक सोच विकसित करने और सभी महिलाओं को सम्मान देना था।स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “मैंने मुख्य रूप से दो चीजों के बारे में बात की, एक वैज्ञानिक सोच विकसित करने के बारे में और दूसरा महिलाओं को सम्मान देने की। जो इसकी निंदा कर रहे हैं वो स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि महिलाओं के सम्मान का विरोध कर रहे हैं।

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बीजेपी के लोग दिखा रहे हैं कि वो नारी सशक्तिकरण योजना और नारी वंदन योजना चला रहे हैं और फिर मेरे बयान को विवादित बताकर इसकी निंदा कर रहे हैं।”दरअसल, मौर्य ने रविवार को दीपावली के मौके पर अपनी पत्नी की पूजा की और सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर उसकी तस्वीरें डालीं। उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘‘दीपोत्सव के अवसर पर अपनी पत्नी का पूजा व सम्मान करते हुए कहा कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग व देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट व पीठ ही होती है, चार हाथ, आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपनी घरवाली की पूजा व सम्मान करें जो सही मायने में देवी है, जो आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान व देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है।’’ मौर्य ने कहा, ‘‘मैंने पिछली दीपावली के दौरान भी यही काम किया था और इस बार भी मैंने वही किया। मेरा मानना है कि हर किसी को त्योहार का जश्न मनाने की आजादी है। मेरा मानना है कि सही मायने में गृहिणी ही घर की लक्ष्मी होती है। हमारी संस्कृति भी कहती है कि जहां नारी का सम्मान होता है, वहां सुख-समृद्धि होती है, वह घर स्वर्ग होता है, वहीं महान लोग निवास करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर घर की लक्ष्मी गृहिणी है तो उसकी पूजा करो, उसका सम्मान करो, उसे महत्व दो। इससे न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा। सभी महिलाएं गौरव महसूस करेंगी और उनका महत्व भी बढ़ेगा। इसलिए, मैंने अपनी पत्नी की पूजा करके यह परंपरा शुरू की है।’’

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