तहव्वुर राणा को अमेरिका से जल्द लाया जाएगा भारत,सरकार ने तेज की प्रत्यर्पण प्रक्रिया

मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से जल्द ही भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। भारत से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, भारत से जांच एजेंसियों की टीम अमेरिका पहुंच गई है। टीम अमेरिकी अधिकारियों के साथ सभी कागजी कार्रवाई और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने में जुटी है। सूत्रों के मुताबिक, बहुत अधिक संभावना है कि तहव्वुर राणा जल्द ही प्रत्यर्पित किया जा सकता है। यह भी पता चला है कि राणा बुधवार को भारत नहीं आ रहा है और प्रत्यर्पण प्रक्रिया पर काम चल रहा है।इससे पहले पिछले महीने ही आतंकी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया था। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। उसने दलील दी थी कि अगर उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाता है तो वहां उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा सकता है।

इससे पहले तहव्वुर राणा ने अपने भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए नई चाल चली थी। राणा ने अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के लिए अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में आपातकालीन याचिका दायर की थी। आवेदन में उसने दावा किया था कि वह पाकिस्तानी मूल का मुस्लिम है, इसलिए भारत में उसे प्रताड़ित किया जाएगा, लिहाजा उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाई जाए। रणा ने अपने खराब स्वास्थ्य का भी हवाला दिया था।अमेरिकी यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में बोलते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलान किया था कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने दुनिया के सबसे बुरे लोगों और मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक को भारत में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी है। इसलिए भारत वापस जा रहा है।26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकियों के एक समूह ने अरब सागर में समुद्री मार्ग के जरिए भारत की वित्तीय राजधानी में घुसने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो होटलों और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था। लगभग 60 घंटे तक चले इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। हमले के बाद आतंकी अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। नवंबर 2012 में अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटका दिया गया था।