बिहार में आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा सिर्फ कागजों पर ही है सीमित,नीतीश सरकार पर मांझी ने लगाया बड़ा आरोप

 बिहार में आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा सिर्फ कागजों पर ही है सीमित,नीतीश सरकार पर मांझी ने लगाया बड़ा आरोप
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पूर्व मुख्यमंत्री और ‘हम’ संयोजक जीतन राम मांझी शराबबंदी को लेकर बयान देते रहे हैं. वहीं, एक बार उन्होंने शराब सेवन का महिमा मंडन किया है. उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि शराब एक पेय पदार्थ है और इसकी आवश्यकता के अनुसार सेवन फायदेमंद है. इस बात को कई बार कह चुके हैं. खासकर कामगारों को एक सीमित मात्रा में शराब की आवश्यकता होती है. इसको सदैव कहते रहे हैं. गुजरात सरकार को धन्यवाद देते हैं. उन्होंने गिफ्ट सिटी के नाम पर शराब को खुला छोड़ दिया है. इससे राज्य को फॉरेन एक्सचेंज मिलता है. बिहार में तो शराबबंदी के कारण पर्यटन क्षेत्र डैमेज हुआ है.जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में आज शराबबंदी नहीं होती तो पर्यटकों की संख्या अधिक होती।

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सरकार भले ही दावा कर रही है कि पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है वह इजाफा सिर्फ कागजों पर ही सीमित है. गया में जितने विदेशी पर्यटक आ रहे हैं शाम को एक भी पर्यटक गया में नहीं रह रहे हैं. शराब के लिए या तो उन्हें यूपी बनारस जाना पड़ता है या फिर झारखंड के हजारीबाग या पश्चिम बंगाल जाते हैं. यदि बिहार में शराबबंदी नहीं होती और यहां शराब मिलता तो पर्यटक यहां रुकते और सरकार को रेवेन्यू का फायदा होता.पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात मॉडल के तर्ज पर बिहार में शराबबंदी होनी चाहिए. बिहार सरकार को गुजरात सरकार से सीख लेनी चाहिए, जिससे बिहार को शराबबंदी से रेवेन्यू का नुकसान न हो. बता दें कि इससे पहले भी कई बार जीतन राम मांझी शराबबंदी हटाए जाने की मांग कर चुके हैं।

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