यूपी में नहीं है कानून का राज-योगी सरकार पर भड़के शिवानंद तिवारी
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या के बाद बिहार की राज- नीति गरमा गयी है. राष्ट्रीय जनता दल ने उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. पार्टी के वरिष्ठ नेता व रा- ष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि उत्तर प्र- देश में कानून का राज नहीं है.वही बता दें कि उत्तर प्रदेश में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या पुलिस कस्टडी में कर दी गयी. प्रयागराज में जब मेडिकल चेकअप के लिए दोनों को ले जाया जा रहा था उस दौरान कुछ युवक पत्रकार बनकर मीडियाकर्मियों के बीच आ गये और ताबड़तोड़ फायरिंग अतीक व अशरफ पर कर दी है. दोनों की मौत इस घटना में हो गयी है. वहीं अतीक और अशरफ के मारे जाने के बाद बिहार की सियासत इस मुद्दे पर गरम है और जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने इस हत्याकांड पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर उत्तर प्रदेश में हुए इस हत्याकांड के बाद राजद के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि पुलिस कस्टडी व कैमरे की निगरानी में अतीक अहमद और उसके भाई को शूटर द्वारा मार दिया जाता है. हत्या करने वाले शूटर पार्टी विशेष का नारा लगाते हैं. यह यूपी पुलिस की विफलता है या संरक्षण? क्या ये मानवाधिकार का उल्लघंन नहीं ? यूपी में जंगलराज है या कानून का राज ? जनता तय करे. बता दें कि हत्या के बाद से राज्य के लगभग सभी बड़े नेताओं ने ट्वीट करके अपनी प्रतिक्रिया दी है.दरअसल बता दें कि उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और उसके शूटर मोहम्मद गुलाम को एनकाउंटर में यूपी पुलिस ने मार गिराया। दोनों उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी थे जिन पर पांच-पांच लाख के इनाम की घोषणा की गई थी।वही आपकों ताजा जानकारी देते चले कि बीते रात माफिया अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को तीन अभियुक्तों ने गोली मारकर हत्या कर दिया है।इस मुद्दे पर बिहार में सियासत शुरू हो गई है। आरजेडी एमएलए सुधाकर सिंह ने एनकाउंटर को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। सुधाकर सिंह ने कहा है कि ऐसे में लोकतंत्र समाप्त हो जाएगा।वही आपकों बतातें चले कि सुधाकर सिंह ने कहा कि एनकाउंटर एक कानून विरुद्ध आचरण है ऐसा करने से मानवाधिकारों का सरासर उल्लंघन होता है। इसे जायज नहीं कहा जा सकता। अगर कोई अपराधी है तो उसे गिरफ्तार कीजिए, जेल भेजिए। सजा देने के लिए इस देश में न्यायालय और न्याय प्रणाली है। जो लोग अपराधी हैं उन्हें न्यायधीश सजा देंगे ना कि कोई नेता । अगर नेता न्यायाधीश बनने लगे तो लोकतंत्र पर खतरा उत्पन्न जो जाएगा। यह होता रहा तो लोकतंत्र समाप्त हो जाएगा।