किसानों और सरकार के बीच आज चौथे राउंड की होगी बातचीत,किसानों की कर्ज माफी पर झुकेंगीं मोदी सरकार!

किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के ‘दिल्ली मार्च’ को पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है। जहां पर किसान आज छठे दिन भी डटे हुए हैं। किसानों और सरकार के बीच तीन राउंड की बातचीत हो चुकी है, लेकिन मांगों को लेकर इन बैठकों में सहमति नहीं बनी। किसान और सरकार के बीच आज रविवार को चौथे राउंड की बातचीत होगी। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आज चौथे राउंड की बैठक में कोई समाधान निकल सकता है।किसान नेताओं और सरकार के बीच इससे पहले 8 फरवरी, 12 फरवरी और 15 फरवरी को बैठक हुई थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला, क्योंकि किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी की मांग पर अड़े हुए हैं। सरकार ने किसानों की 10 मांगें मान ली है। तीन मांगों पर बात नहीं बन पा रही है।न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून किसानों की कर्ज माफी 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन देने पर सहमतिसभी फसलों की खरीद के लिए MSP गारंटी कानून बनाया जाए।डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय की जाए। सभी फसलों के उत्पादन की औसत लागत से पचास फीसदी ज्यादा एमएसपी मिले। किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्जा माफ किया जाए। किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाए।60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दी जाए।भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए।लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए। आरोपियों की जमानत रद्द की जाए।मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये मजदूरी दी जाए।किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए। समझौते के अनुसार, घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। दिल्ली मोर्चा सहित देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज सभी मुकदमे रद्द किए जाएं।