बीजेपी के लिए विरोधी से ज्यादा इस बार अपने ही बागी होकर बिछा रहे हैं ‘कांटे’,बीजेपी के लिए आसान नहीं है जीत
राजस्थान की सत्ता वापसी की जुगत में लगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. चुनाव जीतने के लिए बेशक पार्टी इस बार कई सांसदों को मैदान में उतार चुकी है, लेकिन यहां उसकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. फिलहाल कांग्रेस से ज्यादा उसे अपने ही अंदर मची कलह से नुकसान पहुंचता दिख रहा है.दरअसल, राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक नेता लगातार पार्टी आलाकमान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ये समर्थक वसुंधरा को किनारे किए जाने से काफी नाराज हैं. इस तरह के प्रदर्शन राज्य के अलग-अलग इलाकों में देखने को मिल रहे हैं. इनमें से कई नेता अपना टिकट कटने से भी नाराज हैं.जयपुर में 19 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से बीजेपी ने अभी 5 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है. पर इन पांच में से तीन उम्मीदवारों का विरोध किया जा रहा है. ये विरोध प्रदर्शन पार्टी के ही दूसरे नेता कर रहे हैं जिन्हें टिकट नहीं मिला है. यही नहीं, विद्याधर नगर निर्वाचन क्षेत्र में भी पार्टी को आंतरिक विरोध का सामना करना पड़ रहा है. वहां बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी की जगह राजसमंद से सांसद दीया कुमारी को मैदान में उतारा है.इसके अलावा बीजेपी ने झोटवाड़ा विधानसभा सीट से राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को उम्मीदवार बनाया है, जो कि सांसद हैं. पर यहां मौजूद पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत के समर्थक राठौड़ को टिकट मिलने से नाराज हैं और विरोध कर रहे हैं. इससे पहले रविवार को भी चुनाव प्रचार के दौरान शेखावत समर्थकों ने राठौड़ को काले झंडे दिखाए थे.वहीं बीजेपी से टिकट मांग रहे आशु सिंह सुरपुरा ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, ऐसे में इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला बनता दिख रहा है. अगर शेखावत भी चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी के लिए यह सीट बचाना आसान नहीं होगा. उन्होंने चुप्पी साध रखी है लेकिन उनके समर्थक सड़कों पर हैं.विरोधों के बीच खुद राजवी भी अब पार्टी पर दबाव की रणनीति अपनाकर आगे बढ़ते दिख रहे हैं. बीजेपी दफ्तर के बाहर लगा एक पोस्टर इसी को दिखाता है. इस पोस्टर में पूर्व उपराष्ट्रपति शेखावत की जयंती पर आयोजित होने वाली श्रद्धांजलि की जानकारी दी गई है. पोस्टर पर बीजेपी का न तो कोई चिह्न है और न ही किसी नेता की फोटो. पोस्टर में केवल भैरों सिंह शेखावत की बेटी और राजवी की पत्नी रतन कंवर शेखावत का ही नाम नजर आ रहा है।
इसके अलावा बीजेपी ने हंसराज पटेल गुर्जर को कोटपूतली से अपना उम्मीदवार बनाया है. यहां भी भारी विरोध हो रहा है. बीजेपी टिकट के दावेदार मुकेश गोयल के समर्थक घोषणा के दिन से ही लगातार यहां विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।राजस्थान के अंदर पार्टी में विरोध की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में जयपुर में विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे कई बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया था. इनमें मालवीय नगर से विधायक कालीचरण सराफ, हवामहल से सुरेंद्र पारीक, किशनपोल से मोहनलाल गुप्ता, आदर्श नगर से अशोक परनामी के साथ सांगानेर विधायक अशोक लाहौटी भी मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहे हैं. भरतपुर की नगर सीट से राजे की एक अन्य वफादार अनीता सिंह को भी टिकट देने से इनकार कर दिया गया है और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है.राजे के वफादार यूनुस खान, जिन्हें सचिन पायलट के खिलाफ टोंक से 11वें घंटे में टिकट दिया गया था, उन्हें फिर से टिकट से वंचित किया जा सकता है. सूत्रों ने बताया कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. अजमेर से राजे के समर्थक विकास चौधरी भी टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं. अलग-अलग सीटों पर सर्वे कर रहे एक पार्टी नेता ने इस बात की पुष्टि की है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व बागियों की संख्या को लेकर थोड़ा चिंतित है. इन बागियों की संख्या जितनी अधिक होगी, पार्टी को उतना ही नुकसान होगा और कांग्रेस को फायदा होगा।