आज दाग लगाओ और साफ करो की नीति पर काम कर रही है बीजेपी-ललन सिंह का भाजपा पर तंज
बिहार की राजनीति विपक्षी एकता की बैठक से पहले लगातार गरम होती जा रही है. एक तरफ भाजपा बैक टू बैक रैली की तैयारी में है. वहीं, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सह राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने भजपा पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा है कि इडी, सीबीआइ दमन के हथियार बन गये हैं तो भाजपा वाशिंग मशीन बन गयी है. उन्होंने तमिलनाडु के मंत्री बालाजी की इडी द्वारा की गयी गिरफ्तारी को भाजपा की साजिश बताया. साथ ही कहा कि अपने राजनीतिक विरोधियों को समाप्त करने के लिए भाजपा अब खुल कर सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करने लगी है. इडी और सीबीआइ से वह चुन-चुन कर विपक्षी नेताओं का शिकार कर रहे हैं, दूसरी तरफ बृजभूषण सिंह जैसे इनके बाहुबली नेताओं को खुली छूट मिली हुई है. यह देश के लोकतांत्रिक व्यवस्था पर मंडराते खतरे को दिखाता है, जिसे जनता कभी स्वीकार करने वाली नहीं है. वही दूसरी तरफ बता दे कि नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो गया है। सहरसा जिले के सोनबरसा से जेडीयू विधायक रत्नेश सदा ने शुक्रवार को मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। सदा को पूर्व सीएम जीतनरा मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन की जगह मंत्री बनाया गय.. सुमन ने पिछले दिनों मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सीएम नीतीश ने अपने भरोसेमंद रत्नेश सदा को कैबिनेट में जगह दी है। शपथ लेने के बाद उन्होंने सीएम के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। मांझी के महागठबंधन छोड़ने के बाद नीतीश जातिगत समीकरणों को साधने के लिए उन्हीं के महादलित समाज के नेता रत्नेश सदा को मंत्री बनाया है। साथ ही सहरसा जिले को 10 महीने बाद फिर से मंत्री पद मिला है। नीतीश के एनडीए में रहने के दौरान यहां से बीजेपी के आलोक रंजन मंत्री थे। वही इधर बता दें कि इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वघोषित हनुमान, रामविलास पासवान के बेटे और लोक जनशक्ति पार्टी के एक धड़े के अध्यक्ष चिराग पासवान का टाइम आने वाला है। चर्चा है कि मोदी कैबिनेट के अगले विस्तार में चिराग पासवान को मंत्री बनाया जा सकता है। 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान रखकर नरेंद्र मोदी कैबिनेट के विस्तार के साथ ही मंत्रियों के विभागों में फेरबदल की अटकल फिर लगने लगी है। 2023 में पांचवां मौका होगा जब मोदी कैबिनेट के विस्तार की अटकलबाजी शुरू हुई है। अबकि बार कहा जा रहा है कि जुलाई के पहले सप्ताह में सरकार और बीजेपी संगठन दोनों को चुनावी तैयारी के हिसाब से मोदी दुरुस्त करने जा रहे हैं। इससे पहले जनवरी, संसद के बजट सत्र के बाद, जून में और अमेरिका दौरे से पहले कैबिनेट विस्तार की अटकलें चार बार लग चुकी हैं।