चैती छठ पूजा का दूसरा दिन आज,जानें खरना का शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
चैती छठ के महापर्व की शुरुआत 26 मार्च से हो गई है. चैती छठ का पहला दिन नहाय खाय होता है. छठ व्रत को सबसे कठिन व्रत माना गया है. चैती छठ मुख्य रुप से बिहार,झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पूरे धूमधाम से मनाया जाता है. जो भी व्रती पूरी श्रद्धा और और नियम से व्रत करते हैं तो छठी माता उनकी सारी मनोकामना पूरी करती हैं. छठ पूजा में सूर्य देव की उपासना की जाती है. चार दिनों तक चलते वाले इस पर्व का दूसरा दिन खरना कहलाता है.
खरना का महत्व
खरना के दिन व्रती पूरे दिन व्रत रखते हैं. इस दिन शआम में छठी माता का प्रसाद तैयार किया जाता है. प्रसाद में गुड़ की खीर बनाई जाती है. खास बात यह है कि इस दिन के प्रसाद को मिट्टी के चूल्हे पर बनाया जाता है. प्रसाद तैयार होने के बाद सबसे पहले व्रती इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं, उसके बाद इसे भक्तों में बांट दिया जाता है. खरना वाले दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है. इसके अगले दिन व्रती लोग सूर्यास्त के समय नदी और घाटों पर पहुंच डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इस दौरान सूर्यदेव को जल और दूध से अर्घ्य दिया जाता है.
खरना का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, चैत माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि आज 26 मार्च को कृतिका नक्षत्र के साथ प्रीति और रवि योग बन रहा है. सुर्योदय से लेकर रात 11 बजकर 33 मिनट तक प्रीति योग रहेगा. इसके बाद आयुष्मान योग शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही रविवार दोपहर 2 बजकर 1 मिनट से 27 मार्च को सुबह 6 बजकर 18 मिनट तक रवि योग बना रहेगा.
mअस्त होते सूर्य को अर्घ्य- चैती छठ के तीसरे दिन यानी 27 मार्च को आयुष्मान, सर्वार्थ सिद्धि योग और रोहिणी नक्षत्र में अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। आयुष्मान योग सुबह से लेकर रात 11 बजकर 20 मिनट तक है, उसके बाद से सौभाग्य योग आरंभ हो जाएगा। इसके साथ ही रवि योग सुबह 06 बजकर 18 मिनट से दोपहर 03 बजकर 27 मिनट तक है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन और अमृत सिद्धि योग दोपहर 03 बजकर 27 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 16 मिनट तक है।
उगते हुए सूर्य को अर्घ्य- 28 मार्च को मृगशिरा नक्षत्र, सौभाग्य और सर्वार्थ सिद्धि योग में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना शुभ होगा। पंचांग के अनुसार, सौभाग्य योग सुबह से लेकर रात 11 बजकर 36 मिनट तक है और द्विपुष्कर योग सुबह 06 बजकर 16 मिनट से शाम 05 बजकर 32 मिनट तक है।
चैती छठ 2023 सूर्य अर्घ्य का शुभ समय
डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का समय- शाम 06 बजकर 36 मिनट पर
उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का समय- चैती छठ का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद होगा। इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने का समय सुबह 06 बजकर 16 मिनट पर है।