केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी बड़ी जानकारी,गगनयान के ट्रायल में भेजा जाएगा फीमेल रोबोट
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद अब गगनयान -1 को लेकर चर्चा तेज हो गई है. ये भारत का पहला मिशन होगा जिसमें अंतरिक्ष में मानव को भेजा जाएगा. इस मिशन के तीन फेज होंगे जिसमें दो बार मानवरहित उड़ानें भेजी जाएंगी और फिर एक उड़ान में इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इस मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्री भेजे जाएंगे. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने आज मिशन के बारे में कहा कि गगनयान मिशन के ट्रायल में एक महिला रोबोट व्योममित्र को भेजा जाएगा. आने वाले अक्टूबर के महीने के पहले या दूसरे सप्ताह में एक परीक्षण अंतरिक्ष उड़ान का प्रयास किया जाएगा. महामारी के कारण गगनयान परियोजना में देरी हुई. उन्होंने एनडीटीवी जी20 कॉन्क्लेव में कहा कि दूसरी परीक्षण उड़ान में एक महिला रोबोट होगी और वह सभी मानवीय गतिविधियों की नकल करेगी. अगर सब कुछ सही रहा, तो हम आगे बढ़ सकते हैं. अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उन्हें भेजना. उन्होंने ये भी कहा कि जब चंद्रयान-3 का लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब पहुंचा तो उन्हें काफी राहत महसूस हुई. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो लोग इसरो टीम के साथ बहुत करीब से जुड़े रहे हैं और हम सब काफी काफी नर्वस थे. जब चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में गया था, तब मैं ज्यादा नर्वस था. इसकी लैंडिंग बहुत सहज थी।
उन्होंने कहा कि चंद्रमा पर उतरना भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और देश की सफलता की यात्रा में एक लंबी छलांग है. पीएम मोदी की तारीफ करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र को खोल दिया. लगभग 2019 तक, श्रीहरिकोटा के गेट बंद थे, लेकिन इस बार मीडिया और स्कूली बच्चों को आमंत्रित किया गया था. इस बार इसका स्वामित्व लोगों के पास था. अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए फंडिंग बढ़ा दी गई है. भारत के चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर माड्यूल ने 23 अगस्त की शाम को इतिहास रचते हुए चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी. इसी के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना गया और रूस, अमेरिका और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना।