UPI ने लेन-देन को किया आसान,जानिए क्या है पूरी प्रक्रिया?

 UPI ने लेन-देन को किया आसान,जानिए क्या है पूरी प्रक्रिया?
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यूपीआई सिस्टम भारत के डिजिटल क्रांति का प्रतीक है. आज भारत में यूपीआई से रोज औसतन 22 करोड़ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होते हैं. भारत में यूपीआई पेमेंट सिस्टम इस कदर लोकप्रिय है कि शॉपिंग मॉल, बड़े दुकानों से लेकर सब्जी बेचने वाले, गोलगप्पा बेचने वाले, आइसक्रीम बेचने वाले से लेकर रेहड़ी लगाने वाले तक इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा रखे गए आंकड़ों की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्रतिदिन औसतन 40 हजार से 80 हजार करोड़ रुपये मूल्य के यूपीआई लेनदेन होते हैं. यूपीआई का फुल फॉर्म यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस है. ये एक मोबाइल बेस्ड क्विक पेमेंट सिस्टम है. इसमें एक वर्चुअल आईडी क्रिएट होता है. इसी वर्चुअल आईडी की मदद से तुरंत पैसे का लेनदेन होते हैं. 11 अप्रैल 2016 को भारत सरकार ने इसकी शुरुआत की थी. दुनिया के 10 से ज्यादा देशों में इसे इस्तेमाल किया जा रहा है।यूपीआई ने लोगों के लिए एक-दूसरे को पैसा ट्रांसफर करना काफी आसान कर दिया है. यूपीआई के कारण कैश या डेबिट कार्ड लेकर चलने की जरूरत लोगों को नहीं है. फोन के जरिए अपनी रोजमर्रा की छोटी-बड़ी जरूरतों के लिए लोग भुगतान करते हैं. यूपीआई के लिए अनेक कंपनी इसकी सुविधा दे रही है. कई यूपीआई एप के माध्यम से लोग खरीदारी कर रहे हैं. गूगल पे, फोनपे, अमेजॉन पे या पेटीएम जैसे यूपीआई एप के माध्यम से पेमेंट किया जा रहा है. यूपीआई का चलन अब भारत के बाद यूएई में भी दिखने लगा है।कई बार होता है कि यूपीआई पेमेंट के दौरान आप ने किसी को पैसा सेंड कर दिया. जिसके बाद आपके अकाउंट से पैसा कट गया लेकिन सामने वाले को नहीं मिलता है. यदि आपके साथ भी ऐसा हो गया हो तो घबराने की जरूरत नहीं है. आसानी से आप अपना पैसा वापस ले सकते हैं. बैंकिंग सेक्टर से जुड़े अधिकारी उत्तम कुमार का कहना है कि ट्रांजैक्‍शन फेल हो जाने पर और पैसे कटने के एक घंटे बाद भी वापस न आएं तो यूपीआई एप जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

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