देवेंद्र फडणवीस और ओवैसी के बीच तेज हुई जुबानी जंग,महाराष्ट्र चुनाव में दोनों हुए आमने-सामने

 देवेंद्र फडणवीस और ओवैसी के बीच तेज हुई जुबानी जंग,महाराष्ट्र चुनाव में दोनों हुए आमने-सामने
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महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। एक दिन पहले देवेंद्र फडणवीस ने वोट जिहाद का जवाब धर्मयुद्ध से देने को कहा था और अब मुंबई की रैली में उन्होंने औरंगजेब का नाम लेकर ओवैसी पर करारा हमला बोला है। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में औरंगजेब का महिमामंडन किया जा रहा है, लेकिन देश का सच्चा मुसलमान औरंगजेब को अपना हीरो नहीं मानता। उन्होंने पीएम मोदी का नारा दोहराया और कहा कि अगर एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे।‘पहले लव जिहाद, फिर लैंड जिहाद, अब वोट जिहाद’मुंबई की रैली में दिए गए फडणवीस के बयान का जवाब ओवैसी ने भी मुंबई से ही दिया। ओवैसी ने वोट युद्ध के मुद्दे पर बीजेपी नेता को घेरते हुए कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह के साथ मिलकर भी फडणवीस उनका मुकाबला नहीं कर सकते। ओवैसी ने फिर पूछा कि अगर देश में वोट जिहाद चल रहा है बीजेपी अयोध्या की सीट कैसे हारी?

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उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कल तक लव जिहाद था, फिर लैंड जिहाद हुआ, फिर जॉब जिहाद हुआ और अब वोट जिहाद हुआ। फडणवीस को जिहाद के मायने नहीं पता।’ओवैसी पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने कहा, ‘आजकल तो ओवैसी भी यहां आने लगे हैं। मेरे हैदराबादी भाई उधर ही रहना। इधर को मत आना। इधर तुम्हारा कोई काम नहीं है। यहां पर आकर हमें धमकियां दी जा रही हैं, और औरंगजेब का महिमामंडन हो रहा है। मैं यह साफ-साफ बताना चाहता हूं कि भारत का जो सच्चा मुसलमान है, वह भी औरंगजेब को अपना हीरो नहीं मानता। औरंगजेब एक आक्रमणकारी था, जिसने हमारे देश पर आक्रमण किया था। इसलिए, ओवैसी जैसे नेताओं को यह समझ लेना चाहिए कि कुत्ता भी औरंगजेब की पहचान पर पेशाब नहीं करेगा।’‘हम गीदड़ों को उनकी जगह दिखाकर ही रहेंगे’फडणवीस ने कहा, ‘अब तो हम तिरंगा लहराएंगे और पाकिस्तान के ऊपर भी तिरंगा फहराएंगे। गीदड़ों को उनकी जगह दिखाकर ही रहेंगे, और यही कारण है कि मैं आपसे यह निवेदन करना चाहता हूं कि इस बार का वोट आपके लिए नहीं है, बल्कि यह वोट आपकी आने वाली पीढ़ियों के लिए है। अगर आप इस बात को नहीं समझेंगे और सोते रहेंगे तो ध्यान रखिए, आने वाले दिनों में आपका रहना भी मुश्किल हो जाएगा। आपको इस परिस्थिति का सामना करना पड़ेगा। इसलिए एक ही नारा है, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। अगर हम एकजुट रहेंगे, तभी हम सुरक्षित रहेंगे।’बता दें कि महाराष्ट्र की सियासत में फडणवीस और ओवैसी के बीच जंग काफी दिलचस्प है। दरअसल, महाराष्ट्र में फडणवीस का मुकाबला महा विकास अघाड़ी से है और सरकार या तो महायुति की बन सकती है या महा विकास अघाड़ी की। ओवैसी की पार्टी महाराष्ट्र में केवल 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और AIMIM ने मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। ओवैसी उन्हीं सीटों के प्रचार के लिए मुंबई में रैलियां कर रहे हैं। एक तरफ जहां ओवैसी मुस्लिम वोटरों को रिझाने में जुटे हैं तो दूसरी तरफ फडणवीस ध्रुवीकरण के लिए वोटरों को सावधान कर रहे हैं।‘फडणवीस ने वोट जिहाद का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं, और न ही हमने कभी धर्म की बात की है। हम हमेशा न्याय की बात करते हैं और सभी धर्मों और जातियों के लिए योजनाएं लाए हैं। लेकिन अगर यहां पर वोटों के जरिए जिहाद की बात की जाएगी, तो हम उसका जवाब वोटों के धर्म युद्ध से देंगे। यह कौन सा वोट जिहाद चल रहा है? वक्फ बोर्ड को 10 हजार करोड़ रुपये देने की बात की जा रही है। यह क्या हो रहा है?’‘महा विकास अघाड़ी पर मुस्लिम वोटों के लिए झुकने का आरोप लगाते हुए फडणवीस ने कहा, ‘यहां पर 2012 से 2024 तक हुए जितने भी दंगे हुए, उन दंगों में जिन मुसलमानों को आरोपी बनाया गया, उनके सारे आरोप वापस लेने की डिमांड रखी जा रही है। यह कौन सी डिमांड है? शर्म आनी चाहिए। महाविकास अघाड़ी वाले लिखित में यह बातें मुझसे कहते हैं, और मेरे पास उनके पत्र भी हैं। अगर महाविकास अघाड़ी के लोग लिखकर कहेंगे कि “हमें मंजूर है”, तो ये उनकी लाचारी को दिखाता है। लेकिन हम छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज हैं, और यह लाचारी हम सहन नहीं करेंगे।’फडणवीस ने आरोपों पर AIMIM सुप्रीमो ओवैसी ने करारा जवाब दिया। ओवैसी ने कहा कि फडणवीस जिहाद के मायने नहीं जानते इसीलिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह से वोट जिहाद का मतलब बताने को कहा और दावा किया कि तीनों मिलकर उनका मुकाबला नहीं कर सकते इसलिए अब वोट जिहाद की बातें कर रहे हैं। ओवैसी ने उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ बिल पर संसद में चर्चा के दौरान उद्धव ठाकरे के सांसद गायब थे। हालांकि असदुद्दीन ओवैसी के निशाने पर सबसे ज्यादा फडणवीस ही रहे।

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