आंगनबाड़ी सेविकाओं पर वाटर कैनन से राजधानी पटना में छोड़ा गया पानी,अपनी मांगों को लेकर करने गए थे विधानसभा का घेराव
राजधानी पटना में आज आंगनबाड़ी सेविकाओं पर पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग किया. आंगनबाड़ी सेविकाएं विधानसभा घेराव करने के लिए निकली थीं. अपनी मांगों न को लेकर डेढ़-दो महीने से ये लोग हड़ताल पर हैं. आंगनबाड़ी सेविकाओं ने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. एक आंगनबाड़ी सेविका की मौत का दावा किया जा रहा है हालांकि इस पर प्रशासनिक पुष्टि नहीं की गई है.आंगनबाड़ी सेविकाओं का कहना है कि तेजस्वी यादव ने चुनाव के समय कहा था कि उनकी सरकार आने पर बिहार की सभी आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं का मानदेय दोगुना किया जाएगा।
सरकार बन जाने के बाद आज तक इस पर अमल नहीं किया गया. अब किसी के झूठे वादे और बहकावे में नहीं आने वाली हैं. कहा कि जब तक हम लोगों की बात नहीं मानी जाएगी हम लोग इस तरह प्रदर्शन करते रहेंगे.मिडिया से बात करते हुए एक आंगनबाड़ी सेविका ने कहा, “हम लोग डेढ़ महीने से हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार नहीं सुन रही है. पुलिस ने आज हम लोगों पर लाठीचार्ज किया. आंसू गैस छोड़े. एक सेविका नहीं दिख रही है. वह नहीं रही. क्या औरत पर लाठीचार्ज होना चाहिए? ये कैसी सरकार है? क्या हम लोगों की मांग जायज नहीं है?” वहीं एक दूसरी सेविका ने कहा, “तेजस्वी यादव गोपालगंज गए थे तो वादा किया था. अब वादे से मुकर गए. हम लोग जन्म से लेकर मृत्यु तक का काम करते हैं. सभी रिपोर्ट आंगनबाड़ी सेविकाएं देती हैं.” गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले आंगनबाड़ी सेविकाएं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश कार्यालय भी पहुंचीं थीं. उस दिन आरजेडी कार्यालय में जनता दरबार होना था. मंत्री तेज प्रताप यादव पहुंचे थे. उन्हें महिलाओं ने घेर लिया था. उस दिन तेज प्रताप यादव ने आश्वासन दिया था कि समाज कल्याण विभाग मुख्यमंत्री के पास है. वह पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को इस संबंध में अवगत कराएंगे.बता दें कि आंगनबाड़ी सेविकाएं कई बार अलग-अलग कार्यक्रम में भी जाकर अपनी बात रखती रही हैं. कुछ दिनों पहले जेडीयू के राषट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह मुंगेर गए थे. वहां भी आंगनबाड़ी सेविकाएं पहुंची थीं, लेकिन बिना उनकी बात सुने ललन सिंह वहां से निकल गए थे. यह घटना नवरात्र के समय की है.बिहार में आंगनबाड़ी सेविका को 5950 रुपये मानदेय दिए जाते हैं. इसे बढ़ाने के लिए आए दिन आंगनबाड़ी सेविकाएं हंगामा भी करती हैं. आंगनबाड़ी सेविकाओं की मुख्य मांग है कि उन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा दिया जाए और नहीं तो 25000 मानदेय दिया जाए।