हमारे यहां पानी का मैनेजमेंट नहीं है,सिंधु नदी को लेकर छिड़ी बहस पर बोले केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल

 हमारे यहां पानी का मैनेजमेंट नहीं है,सिंधु नदी को लेकर छिड़ी बहस पर बोले केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल
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भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय सिंधु नदी को लेकर बहस छिड़ गई है. पाकिस्तान की तरफ से पहलगाम में अटैक करने के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) को स्थगित कर दिया है. इसी बीच केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने बताया कि भारत का वाटर मैनेजमेंट कैसा है. साथ ही उन्होंने कहा, पाकिस्तान का पानी रोकने से ही युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई.केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल कहते हैं, पाकिस्तान का पानी रोकने से ही जैसे युद्ध छिड़ गया हो ऐसी परिस्थिति है. वहीं, भारत को लेकर उन्होंने कहा, हमारे यहां पानी की समस्या बिल्कुल नहीं है. लेकिन हमारे यहां पानी का मैनेजमेंट नहीं है. हमारे यहां करीब 4 हजार बीसीएम होता है. हमारी जरूरत सिर्फ 1120 बीसीएम है.सीआर पाटिल ने कहा, हमें 2050 तक सिर्फ 1180 बीसीएम की जरूरत होगी. मगर हम आज तक उसकी व्यवस्था नहीं कर पाए और उसकी वजह से हमारे पास जल भंडारण (वॉटर स्टोरेज) की जो व्यवस्था है वो सिर्फ 750 बीसीएम की है.

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इस देश में पानी पर सबसे ज्यादा काम अगर किसी ने किया है तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. उन्होंने हर जिले में अमृत सरोवर का निर्माण कराया. इसके जरिए जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन के प्रयास किए गए हैं.भारत ने रोका पानीजम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान की तरफ से आतंकी हमला हुआ. इस हमले में 26 लोग मारे गए. इसी के बाद भारत ने पड़ोसी देश पर एक्शन लिया. अटैक के दूसरे ही दिन भारत सरकार ने ऐतिहासिक सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) को स्थगित करने का बड़ा फैसला लिया था. इसी के बाद से पाकिस्तान भौखला गया. साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई यह संधि विश्व की सबसे सफल जल-साझा संधियों में से एक मानी जाती थी, लेकिन अब इस पर भी पाकिस्तान की हरकतों के चलते विराम लग गया है.22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरान घाटी में टूरिस्ट पर आतंकी हमला हुआ जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई. इस हमले को पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है.

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