बांग्लादेश में जो हो रहा है वह हमें स्पष्ट रूप से याद दिलाता है कि स्वतंत्रता हमारे लिए कितनी कीमती है-चीफ जस्टिस

 बांग्लादेश में जो हो रहा है वह हमें स्पष्ट रूप से याद दिलाता है कि स्वतंत्रता हमारे लिए कितनी कीमती है-चीफ जस्टिस
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ गुरुवार (15 अगस्त 2024) को स्वतंत्रता दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम के समापन के बाद उन्होंने स्वतंत्रता दिवस को लेकर अपनी बात रखी. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “… यह वह दिन है जो हमें संविधान के सभी मूल्यों को साकार करने में एक-दूसरे और राष्ट्र के प्रति हमारे कर्तव्यों का निर्वहन करने की याद दिलाता है.”डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमने वर्षों पहले स्वतंत्रता की अनिश्चितता को चुना था, और आज जो हो रहा है, जैसे कि बांग्लादेश में, वह हमें स्पष्ट रूप से याद दिलाता है कि स्वतंत्रता हमारे लिए कितनी कीमती है. सीजेआई ने कहा कि पिछले 24 वर्षों से एक न्यायाधीश के रूप में, मैं अपने दिल पर हाथ रखकर कह सकता हूं कि अदालतों का काम आम भारतीयों के संघर्षों को दर्शाता है जो अपने दैनिक जीवन की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं।

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सीजेआई ने कहा कि भारत के सुप्रीम कोर्ट में गांवों और महानगरों से वादियों की भीड़ आती है.इससे पहले लाल किले पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में सेक्युलर सिविल कोड का जिक्र किया था. पीएम मोदी ने कहा था कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड होना चाहिए, जिससे देश में धर्म के आधार पर जो भेदभाव हो रहे हैं, उससे निजात मिले. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यूसीसी पर चर्चा की है. अनेक बार आदेश दिए हैं. क्योंकि देश का एक बड़ा वर्ग मानता है और एक सच्चाई भी है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं वह एक कम्युनल सिविल कोड है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कई मौकों पर देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की आवश्यकता दोहराई है. कई बार इसे लेकर चर्चा भी हुई लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है. इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड पीएम मोदी की बात पर मुस्करते नजर आए।

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