पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी के छुए पैर तो संजय राउत बोले-वह जादू-टोना मानने वाला देश
पापुआ न्यू गिनी दौरे पर देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का जमकर स्वागत हुआ है. रविवार को के प्रधानमंत्री जेम्स मरापे ने पीएम मोदी के पैर भी छुए. वहीं, पीएम मोदी ने भी मरापे का गले लगाकर स्वागत किया. सोशल मीडिया पर इस मुलाकात के कई वीडियो क्लिप्स वायरल हो रहे हैं. लोग तारीफों के पुल बांध रहे हैं. इस बीच, शिवसेना के सांसद संजय राउत ने इसको लेकर तंज कसा है.संजय राउत, देश के दूसरे लोग जो प्रधानमंत्री के पद पर रहें, उनके भी पैर वहां के लोग छूते थे. लेकिन BJP इस पूरी घटना को अलग तरीके से प्रचार करने में लगी हुई है. वैसे पैर छुना गलत बात नहीं है. यह तो अच्छी बात है, वह इसलिए कि बुजुर्गों के पैर छूने चाहिए. हमारे सामने आएंगे तो हम भी छुएंगे. हाल के दिनों में संजय राउत भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी पर हमलावर दिखाई देते हैं. वही दूसरी ओर बता दें कि इधर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वेलकम करने के लिए ऑस्ट्रेलिया का सिडनी शहर पूरी तरह से तैयार है. ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज कहा है कि सिडनी में पीएम मोदी के साथ ऑस्ट्रेलिया के जीवंत भारतीय समुदाय के साथ जश्न मानने के लिए उत्सुक हूं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की मेजबानी करके मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं. वहीं पीएम मोदी सिडनी में हैरिस पार्क का नाम बदलकर ‘लिटिल इंडिया’ करेंगे. वही दुसरी तरफ बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पापुआ न्यू गिनी में भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग शिखर सम्मेलन में शामिल हुए है. इस दौरान समिट में अपनी बात को रखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए पूरा विश्व एक परिवार की तरह है. वन फैमिल, वन फ्यूचर हमारा मूल मंत्र है. हमारे लिए पूरी दुनिया एक परिवार की तरह है. उसके बाद पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में भई भारत ने कई देशों की मदद की थी.जिसका भली भांति उदाहरण दुनिया ने देखा था। अमेरिका हो या नेपाल सभी देशों को भारत ने मदद किया था।पीएम मोदी ने कहा कि भारत पापुआ न्यू गिनी का भरोसेमंद पार्टनर है. हम साथी देश की मदद करते हैं. इसके साथ-साथ उन्होंने सोलर अलायंस के साथ सभी देशों से जुड़ने की अपील भी की है। उन्होंने कहा हम आपके अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं और भारत विविधता पर भरोसा करता है. भारत हर तरह की मदद के लिए तैयार है. बता दें कि इस समिट में 14 देश शामिल हुए हैं.समिट में कोरोना के प्रभाव का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी का प्रभाव ग्लोबल साउथ देशों पर सबसे अधिक पड़ा है. जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाएं, भुखमरी, गरीबी और स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियां पहले से ही थी अब फ्यूल, फर्टिलाइजर और फार्मा को लेकर नई परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं.