अब तक मुकेश सहनी के घर क्यों नहीं गए तेजस्वी यादव?उठने लगा बड़ा सवाल
कांग्रेस के दरवाजे तक पहुंच निर्दलीय सांसद चुने गए राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव से लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य तक दरभंगा के बिरौल में घनश्यामपुर थाना क्षेत्र स्थित मुकेश सहनी के घर पहुंच गए, लेकिन बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव अबतक नहीं गए। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान महागठबंधन के प्रचार की कमान तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी ने लगभग एक साथ संभाल रखी थी। इनकी जोड़ी की चर्चा हर जगह थी। इनका साथ में मछली खाना, केक काटना और नारंगी चूसना… सब चर्चा में था। तभी पूर्व मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता की जघन्य हत्या के बाद उनके घर पर सबसे पहले तेजस्वी यादव के पहुंचने की संभावना थी। लेकिन, कुछ ऐसा हुआ है कि अबतक तेजस्वी यादव वहां नहीं पहुंचे हैं। वजह एक समीकरण और एक पर्व और आरोपियों के नाम तो नहीं?मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या के बाद बिहार पुलिस ने प्रथम दृष्टया इसे चोरी के दौरान विरोध करने पर हत्या का मामला बताया। रात होते-होते पुलिस को नया एंगल मिला। कुछ ऐसी जानकारी मिली कि चोरी वाली बात ही एक तरह से गायब हो गई। दरभंगा पुलिस और इस कांड के लिए गठित एसआईटी ने जिन युवकों को दबोचा, उसका नाम पटना पुलिस मुख्यालय तक पहुंच चुका है। जाहिर है कि मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव तक यह नाम जरूर पहुंच गए होंगे। यही कारण है कि सारण के तिहरे हत्याकांड के आरोपियों को एक घंटे में गिरफ्तार करने के कुछ घंटे बाद पुलिस मुख्यालय ने सूचना जारी कर दी, लेकिन हाई प्रोफाइल जीतन सहनी हत्याकांड के आरोपियों का नाम मंगलवार से लगातार छिपाया जा रहा है। आठ घंटे के अंदर खुलासा का दावा था और पुलिस वहां तक पहुंच भी गई, लेकिन मुहर्रम में तनाव की आशंका को देखते हुए नाम जाहिर नहीं किया गया।