बिहार में बीजेपी का हार का कारण बनेंगे नीतीश कुमार?
बिहार में इस बार भाजपा की हालत 2019 के जैसा नहीं रहने वाली है..क्योंकि नीतीश कुमार के साथ आने से इस बार का समीकरण बिगड़ गया है..2019 के चुनाव भी नीतीश कुमार के साथ हीं बीजेपी ने लड़ा था तो उस समय एनडीए गठबंधन ने 40 में से 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी..लेकिन इस बार लोगों का कहना है की नीतीश कुमार की छवि पहले जैसी अब नहीं रही है न ही उनकी पहले वाली लोकप्रियता है क्योंकि उन्होंने बिहार के राजनीति में नए नए प्रयोग करते हुए कभी एनडीए गठबंधन का हिस्सा बने रहे तो कभी महागठबंधन का जिसके वजह से उनको लालू यादव ने पलटू कुमार तक कह दिया था जिसके बाद से हीं उनकी छवि और खराब होते गई है..भले हीं अब उन्होंने महागठबंधन का साथ छोड़कर फिर से एनडीए गठबंधन का हिस्सा बन गए हैं लेकिन बीजेपी के लिए नीतीश कुमार को अपने साथ लाना इस बार के चुनाव में महंगा पड़ने वाला है..क्योंकि आम जनता के बीच नीतीश कुमार के छवि को तेजस्वी यादव अपने चुनावी मंच से लोगों को याद दिलाना नहीं भूल रहे हैं की नीतीश कुमार के ऊपर भरोसा नहीं किया जा सकता है..वह कब पलटी मार दें इसकी गारंटी प्रधानमंत्री मोदी भी नहीं दे सकते हैं..बिहार के युवाओं को हमने मात्र 17 महीनों में लाखों नौकरियां देने का काम किया है..और सिर्फ और सिर्फ यह राजद की सरकार रहने की वजह से हीं मुमकिन हो पाया क्योंकि नीतीश कुमार तो नौकरी देने के नाम पर भड़क जाते थे लेकिन फिर भी हमने उनके साथ सरकार में रहते हुए लाखों युवाओं को नौकरी देने का काम किया लेकिन नीतीश कुमार को यह बात अच्छी नहीं लगी और उन्होंने फिर से हमारी सरकार को गिरा दिया और भाजपा वालों के साथ जाकर सरकार बना लिया क्योंकि उनको युवाओं को रोजगार देना पसंद हीं नहीं था..तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपने जनसभा में तेजस्वी यादव के नौकरी देने वाले बयान पर पलटवार करने से नहीं चूक रहे हैं..और नौकरी देने का क्रेडिट खुद ले रहे हैं और लोगों को बार बार याद भी दिला रहे हैं की आज से पहले जब हमारी सरकार नहीं थी तो बिहार की क्या स्थिति थी न सड़क थी न बिजली थी न हीं शिक्षा की अच्छी स्थिति थी यह सब तो हमारे मुख्यमंत्री बनने के बाद सुधरा है..जो लोग पहले सत्ता मे थे वहलोग तो बिहार को बर्बाद करके चले गए थे यह सब आपलोग भूल गए हैं क्या..इसलिए उन सभी के बातों में नहीं आना है..वहीं प्रधानमंत्री मोदी भी बिहार की धरती से तेजस्वी यादव के नौकरी देने वाले बयान पर पलटवार कर चुके हैं..बीते दिन हीं चुनावी मंच से पीएम मोदी ने नीतीश कुमार का समर्थन करते हुए कहा था कि कुछ लोग नीतीश कुमार के द्वारा किए गए कामों और दिए गए नौकरियों का क्रेडिट खुद ले रहे हैं जो की गलत है..जबकि लोगों का मानना है की भाजपा को इस बार बिहार में बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है जिसका कारण होंगे नीतीश कुमार..क्योंकि कई सीटों पर भाजपा चुनाव हारने वाली है क्योंकि नीतीश कुमार का वोट बैंक जो था वह अब तेजस्वी यादव के साथ जा चुका है जिसका लाभ महागठबंधन को इस बार के चुनाव में..पूरी तरह से मिलेगी..और कई सीटों पर राजद के प्रत्याशियों का जीत तय होगी..जो की कई न्यूज चैनलों के ओपिनियन पोल में भी यह बातें सामने आ चुकी है की बिहार में इस बार एनडीए गठबंधन को सिर्फ 30 से 32 सीटों पर हीं जीत दर्ज हो पाएगी।