1978 संभल मामले में योगी सरकार ने दिया जांच का आदेश,दोषियों पर होगी कारवाई
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार संभल में हुए 1978 के सांप्रदायिक दंगों की जांच करवाएगी। इसे लेकर योगी सरकार ने एक आदेश भी जारी कर दिया है। इसे लेकर अब गृह विभाग के उप सचिव और मानवाधिकार आयोग के एसपी ने संभल के प्रशासन को पत्र भेजकर एक हफ्ते में आख्या मांगी है। शासन के निर्देश पर संभल के ASP उत्तरी को जांच अधिकारी नामित किया गया है। शासन की ओर से कहा गया है कि नामित जांच अधिकारी को एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजेंगे।46 साल बाद जांच के आदेशयोगी सरकार ने 46 साल बाद 1978 संभल दंगा जांच के आदेश दिए हैं। यूपी गृह विभाग के उप सचिव और मानव अधिकार आयोग के एसपी ने संभल के डीएम और एसपी को पत्र भेजकर एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सदन में कहा था कि 1978 के दंगों में कथित 184 लोग मारे गए थे और कइयों के घर उजड़ गए। हालांकि सरकार आंकड़ों के मुताबिक, मृतकों का आंकड़ा 24 था। इसके बाद विधानपरिषद के सदस्य श्रीचंद्र शर्मा ने शासन को पत्र भेजकर संभल में हुए 1978 के दंगों की जांच की मांग की, जिस पर अब शासन ने संभल के डीएम और एसपी को पत्र भेजा है।संभल में 14 दिसंबर को कार्तिकेय महादेव मंदिर का 46 साल बाद ताला खुलने के बाद सामने आए 1978 के दंगा पीड़ितों ने दंगे की दास्तान सुनाई थी। जानकारी के मुताबिक, 1978 में संभल के नखासा इलाके में मुरारी की फड़ है। यहीं पर दंगे से बचने के लए कुछ हिंदू छिप गए थे, जिसमें से 25 लोगों को जलाकर मार डाला गया था।जानकारी दे दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सदन में संभल के 1978 के दंगे का जिक्र किया था। सीएम योगी ने कहा था कि संभल में 1947 से दंगा शुरू हुआ, जिसमें 1 मौत, फिर अगले ही साल 1948 में 6 लोगों की मौत, 1958 और 1962 में भी दंगे हुए। इसके बाद 1976 के दंगे में 5 लोगों को जान गंवानी पड़ी, फिर साल 1978 में तो 184 हिंदुओं को सामूहिक रूप जला दिया गया और हत्या की गई। आप (विपक्ष) इस सच्चाई को नहीं मानेंगे।इसके बाद साल 1980 और 1982 में भी दंगे हुए। फिर 1986 के दंगों में 4 लोगों की जान गई। साल 1990,92 में फिर दंगा हुआ। 1996 के दंगे में 2 मौत हुई। यह सिलसिला लगातार चलता ही रहा। देखा जाए तो संभल में साल 1947 से लेकर अब तक 209 हिंदुओं की मौत हुई और इनके लिए किसी ने संवेदना के दो शब्द तक नहीं बोले हैं।